नाम
हिन्दी – सहदेवी, सदोडी
संस्कृत – सहदेवी सहदेवा
इंगलिश – Ash Coloured Fleabane
परिचय – इस बनस्पती के पोंधे १ से लेकर ३ फीट तक ऊँचे होते है| इसके पत्ते
बड़े-बड़े और रुए दर होते है और दूर दूर पर लगते है | इसके फूल बैगनी रंग के और बीज
काली जीरे के समान मगर कुछ छोटे होते है | यह बनस्पती बरसात के दिनों में सब जगह
पैदा हो जाती है
उपयोग – ज्वर में पसीना लाना के लिए इसका काड़ा बनाकर दिया जाता है, किसी को
नीद न आती हो तो सहदेवी
को सिर पर बांध देने से नीद अ जाती है |
मलेरिया ज्वर
सहदेवी के पत्ते १ माशा और काली मिर्च ७ इन दोनों को पीस कर रोगी को पिलाबे तो
मलेरिया ज्वर और ठण्ड देकर
आने वाला ज्वर ठीक हो जाता है |
आँख
रोग
इसके फूलो का रस निकालकर आँख में डालने से आँख के भीतरी झिल्ली की सूजन में
लाभदायक है |
No comments:
Post a Comment