चित्रक, चीता
परिचय – इसकी अनेको जाती होती है सफ़ेद, काली, लाल , और पीले फूल की जिसमे से
सफ़ेद और काली फूल की सब जगह मिलती है | दूसरे फूल बाले चित्रक कम देखनें को मिलती
है |
उपयोग – चित्रक का रस खाल को जला देता है | इसका लेप करने से सुफेद कुष्ट का
नास करता है |
उदर रोगों में चीता एक अनुभूत ओषधी है |
यकृत–प्लीहा की दवा
चीता यवक्षार, पांचो नमक, इमली क्षार,
भुनी हीग इन सब को समान भाग लेकर जम्भीरी नीबू
के ११ पुट देबे | देबे फिर ६-६ रत्ती की गोली बनाकर दिन में चार बार सेबन करने
से यकृत प्लीहा आदि रोग शांत हो जाते है |
लाल चीता
देह को मोटा करता है | कुष्ट का नाश करता है | पारे की गोली बनाता है लोहे को
भेदता है रसायन है शरीर को नया
बनाता है |
काला चीता
इसको खाने से बाल काले हो जाते है गाय के शूघे हुए काले चीते को दूध में डालने
से दूध काला हो जाता है |
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