नाम
हिन्दी – पर्णबीज, घावपत्ता
संस्कृत – पर्णबीज, हेमसागर
इंग्लिश – Lifeplant Bryophvllium Calvcinum.
इंग्लिश – Lifeplant Bryophvllium Calvcinum.
परिचय – यह अनेक प्रदेशो में गमलो और जमीन में बोया जाता है | इसके पानो से
क्षुप हो जाता है | इस हेतु इसे पर्णबीज नाम दिया गया है | स्वाद में खट्टे |
पुष्प नीचे झुके हुए, नली आकार के बौंजनी हरें | बीज छोटे, लम्बगोल, चिकने, खडी
पंक्तिवाले |
इस ओंषधि में मेलिकाम्ल (Malic Acid) है | अत: स्वरस को थोडा घी मिलाकर लेना चाहिये
|
उपयोग – यह दिव्य ओंषधी है | इसके रस की क्रिया बारीक - बारीक धमनियों पर होती
है उनका अन्कुचन होकर रक्तस्राव बंद हो जाता है |
पर्णबीज तेल
पर्णबीज कल्क ४० तोले, स्वरस १६० तोले और तिल तेल ४० तोले मिलाकर मन्दाग्नि पर
सिद्ध करे | यह तेल गहरे
घावों के लिए और और पके हुए घावों के लिए उपकारक है |
आगन्तक
घाव
चोट लगना और गांठ, वर्णपर इसके पानो को गरम कर बांध देने से शोथ, लाली और
वेदना कम हो जाती है | और घाव
अच्छा हो जाता है |
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