नाम
हिन्दी –
कसौंदी, कसौंदा, गरजसाग
संस्कृत – कासमर्द, कासारी,
इंग्लिश – Negro-Coffee
परिचय – यह भारत के सभी
प्रदेशों में होती है | कसौंदी दो प्रकार की होती है | पहली जाती की ऊँचाई ३ से ६
फीट |
पान सलाई पर आते है |
फूल पीले रंग के | फली ४ से ५ इंच लम्बी | दूसरी जाती भारत के सब प्रदेसो में पायी
जाती है | ऊँचाई ४ से ७ फीट होती है |
मात्रा – पानो का चूर्ण
४ से ६ माशे | मूल क्वाथ की मात्रा ७ माशे से १ तोला | बीज ३ से चार माशे |
उपयोग – कसौंदी का उपयोग
प्राचीन काल से हो रहा है | इसकी फली में से जो बीज निकलते है, उसको सेंक चूर्ण कर
विदेशी काफी के स्थान में प्रयोजित करते है | इस पीय का स्वाद काफी के समान होता
है | यह मानसिक उत्तेजिना लाता है तथा ज्वर में स्वेद लेन और कफ को दूर करने में
सहायक है |
काली खांसी में पानो का
रस शहद के साथ दिया जाता है | कफ ज्वर में पानो का रस दिया जाता है |
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